कमरा नंबर 151 – एक अनसुलझा रहस्य" Hindi Horror Story, Horror Story 2025 // रहस्यमई कमरा // हॉन्टेड होटल 2025

 कहानी का शीर्षक: "कमरा नंबर 151 – एक अनसुलझा रहस्य"

प्रस्तावना:

ये कहानी उत्तराखंड के मसूरी की एक पहाड़ी के ऊपर बने पुराने होटल "हिल व्यू रिट्रीट" की है। ये होटल 1947 से पहले अंग्रेजों के ज़माने में बना था। वहां का एक कमरा — कमरा नंबर 151 — हमेशा बंद रखा जाता था। स्थानीय लोग कहते थे कि जो भी उस कमरे में रुका, वो जिंदा वापस नहीं लौटा। मगर किसी को आज तक असल कारण नहीं पता चला।

घटना की शुरुआत:


2022 की सर्दियों में दिल्ली से एक यूट्यूबर कपल – राहुल और नेहा – भूतिया जगहों की डॉक्यूमेंट्री बनाने मसूरी पहुँचे। उन्होंने होटल हिल व्यू रिट्रीट के बारे में ऑनलाइन पढ़ा और वहाँ रुकने का प्लान बनाया। जब होटल पहुंचे, तो रिसेप्शन पर मौजूद बूढ़े मैनेजर मिश्रा जी ने उन्हें बाकी कमरों में रुकने की सलाह दी। पर राहुल ने जिद की – “हमें वही कमरा चाहिए, 151।”


काफी मना करने के बाद आखिरकार उन्होंने एक शर्त पर चाबी दी – "अगर कुछ भी अजीब हो, तो तुरंत कमरे से बाहर आ जाना और पूजा की घंटी बजा देना।"

रहस्यमयी रात:

रात के 12 बजे कमरे में अजीब सी ठंडी हवा चलने लगी, जबकि कमरे की खिड़कियाँ बंद थीं। नेहा को एक महिला की सिसकियाँ सुनाई दीं। राहुल ने कैमरा ऑन किया और रिकॉर्डिंग शुरू कर दी।


तभी बाथरूम का दरवाज़ा अपने आप खुला और शीशे पर खून से लिखा था – "क्यों आया है मेरी मौत का तमाशा देखने?"


नेहा डरकर चीखने लगी। राहुल ने कैमरा गिरा दिया और दरवाज़ा खोलना चाहा, पर वो अंदर से लॉक हो गया।


कमरे में अचानक तेज़ चीखें गूंजने लगीं। नेहा बेहोश हो गई।


राहुल को लगा किसी ने उसकी गर्दन पकड़ी हो — पर कोई दिखाई नहीं दे रहा था।


उसी समय उसे दरवाज़े के पास रखी घंटी याद आई। जैसे-तैसे उसने घंटी तक पहुँचकर उसे जोर से बजाया।

सच का खुलासा:

घंटी की आवाज़ सुनकर मिश्रा जी, होटल स्टाफ और एक स्थानीय पुजारी दौड़कर कमरे में आए। मंत्रों का जाप शुरू हुआ। जैसे-जैसे मंत्र तेज होते गए, कमरे में मौजूद डरावनी शक्तियाँ और ज़ोर से चीखने लगीं। नेहा को होश आया, और वो कांपती हुई रोने लगी।


पुजारी ने कहा – “इस आत्मा की मुक्ति तभी होगी जब इसे सुना जाए। ये कोई दानवी आत्मा नहीं, बल्कि कोई अधूरी पीड़ा में फंसी आत्मा है।”


बयान करने वाली आत्मा:

मंत्रों और पूजा के दौरान एक हल्की-सी परछाई कमरे में दिखाई दी। वो एक औरत की आत्मा थी – सरिता, जो 1952 में उस होटल में अपने पति के साथ हनीमून पर आई थी।


पर उस रात उसका पति नशे में धुत होकर उसे पीटते हुए मार डाला, और कह दिया कि वो पहाड़ से गिर गई। पुलिस ने कोई कार्यवाही नहीं की, और केस रफा-दफा हो गया।


सरिता की आत्मा उसी कमरे में फँस गई, जहां उसकी दर्दनाक मौत हुई थी।

मुक्ति का क्षण:

राहुल और नेहा ने सरिता की कहानी को पूरी दुनिया के सामने लाने का वादा किया। पुजारी ने अंतिम पूजा कर आत्मा को "शांति मंत्र" से मुक्ति दिलाई।


सरिता की परछाई मुस्कुराई, आकाश की ओर उठी और एक हल्की रोशनी में बदल गई। कमरे में मौजूद भारीपन अचानक गायब हो गया।

अंतिम मोड़:

उस दिन के बाद होटल का कमरा नंबर 151 फिर से खोला गया। वहां कभी कोई डरावनी घटना नहीं घटी। राहुल और नेहा ने उस रात की रिकॉर्डिंग यूट्यूब पर डाली, और वीडियो वायरल हो गया।


वीडियो के अंत में सिर्फ एक बात लिखी थी:


"हर आत्मा भटकती नहीं, कुछ सिर्फ सुने जाने की उम्मीद करती हैं।

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